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धन्वा
Meanings: 5; in Dictionaries: 4
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bow
Meanings: 17; in Dictionaries: 8
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archer
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
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arid
Meanings: 7; in Dictionaries: 6
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मण्डल ९ - सूक्तं ७५
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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मण्डल ६ - सूक्तं १२
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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उदीर्ण
Meanings: 18; in Dictionaries: 4
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षष्ठप्रपाठकः - अष्टमी दशतिः
यज्ञ, अनुष्ठान आणि हवन संबंधीचे मन्त्र सामवेदात सांगितले आहेत. सर्व वेदांमध्ये हा सर्वात छोटा वेद आहे.
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मण्डल ९ - सूक्तं १०६
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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रश्मिरथी - प्रथम सर्ग - भाग २
राष्ट्र कवि "दिनकर" आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
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desert
Meanings: 31; in Dictionaries: 9
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land
Meanings: 44; in Dictionaries: 11
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मण्डल ९ - सूक्तं ९७
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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षष्ठकाण्ड: - ११ ते १५
पैप्पलादसंहिता
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अध्याय २६० - यजुर्विधानम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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आर्या सप्तशती - क-कार-व्रज्या
आर्या सप्तशती हा आचार्य गोवर्धनाचार्य यांनी रचलेला पवित्र ग्रंथ आहे.
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षष्ठप्रपाठकः - द्वितीयोऽर्द्धः
यज्ञ, अनुष्ठान आणि हवन संबंधीचे मन्त्र सामवेदात सांगितले आहेत. सर्व वेदांमध्ये हा सर्वात छोटा वेद आहे.
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कथाकल्पतरू - स्तबक ७ - अध्याय १४
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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मध्यम भागः - अध्यायः ६३
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
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निरंजनमाधव ( बनाजी )
विविध कवींच्या प्राचीन कविता शके १८२७ मध्ये श्री. भावे यांनी प्रसिद्ध केल्या.
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व्यंकटेशस्त्रोत्र
विविध कवींच्या प्राचीन कविता शके १८२७ मध्ये श्री. भावे यांनी प्रसिद्ध केल्या.
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पांडवप्रताप - अध्याय ६ वा
पांडवप्रताप ग्रंथवाचन म्हणजे चंचल मनाला भक्तियोगाकडे वळविण्याचा प्रवास.
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अथर्ववेदः - काण्डं ५
अथर्ववेदात देवतांची स्तुति तसेच जादू, चमत्कार, चिकित्सा, विज्ञान आणि दर्शनाचे मन्त्र सुद्धा आहेत.
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अनेकार्थसङ्ग्रहः - द्विस्वरकाण्डः
आचार्यश्रीहेमचन्द्रेण विरचितः अनेकार्थसङ्ग्रहो नाम कोशः
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